नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के नाम पर एक मस्जिद की नींव रखी। हुमायूं कबीर भरतपुर सीट से विधायक हैं। अब उन पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि हुमायूं कबीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इसे सच मानकर कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने विस्तार से वायरल दावे की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। ऐसी कोई घटना नहीं है। हुमायूं कबीर पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर सतीश कुमार ने 7 दिसंबर को एक पोस्ट करते हुए दावा किया, “बाबरी मस्जिद बनाने वाले हुमायूं कबीर की गोली मारकर हत्या । मेरा देश बदल रह है….जय श्री राम।”

वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। संबंधित कीवर्ड के जरिए हमने वायरल पोस्ट को सर्च किया। हमें हुमायूं कबीर से जुड़ी ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है।
सर्च के दौरान जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 6 दिसंबर को पब्लिश खबर में बताया गया, “बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएससी) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने भारी गहमागहमी के बीच शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे बांग्लादेश की सीमा से सटे मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखीं। कार्यक्रम स्थल पर सुबह से ही जुटी मुस्लिम समुदाय की भारी भीड़ के बीच मस्जिद की आधारशिला रखी गईं। इस दौरान समारोह स्थल पर कुछ देर के लिए भगदड़ जैसी स्थिति भी मच गई। देश-विदेश से इस्लामी धर्मगुरु भी कार्यक्रम में शामिल हुए। जिले के विभिन्न हिस्सों से सुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोग वहां ईंट लेकर पहुंचे।”
पड़ताल के दौरान हमें द लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो रिपोर्ट मिली। इसमें बताया गया हुमायूं कबीर को सांप्रदायिक राजनीति करने के कारण टीएमसी ने पहले ही निकाल दिया गया था। हुमायूं कबीर समेत हजारों लोग कार्यक्रम में मौजूद रहे।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल दावे के संबंध में सहयोगी दैनिक जागरण के कोलकाता ब्यूरो प्रमुख जेके वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने वायरल पोस्ट को फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि हुमायूं कबीर एकदम सुरक्षित हैं।
पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की । पता चला कि सतीश कुमार नाम के इस यूजर को करीब तीन लाख लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के नाम पर एक मस्जिद की नींव रखने वाले विधायक हुमायूं कबीर की हत्या से जुड़ी वायरल पोस्ट में सच्चाई नहीं है।
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