नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के नाम से एक कथित बयान तेजी से वायरल हो रहा है। पोस्ट में दैनिक जागरण के ग्राफिक का इस्तेमाल किया गया है। पोस्ट को शेयर कर, दावा किया जा रहा है कि मोहन भागवत ने सनातन धर्म को लेकर कहा है कि सनातन धर्म ने हमें राम रहीम, आसाराम और धीरेन्द्र शास्त्री दिए हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। मोहन भागवत की ओर से इस तरह का कोई बयान नहीं दिया गया है। दैनिक जागरण के ग्राफिक को एडिट कर फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘सुनिल कांग्रेस प्रशंसक’ ने 4 दिसंबर 2025 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “फिर भी हिन्दू सो रहा है ये शर्म का विषय है।”

पोस्ट पर लिखा है, “हमारे सनातन धर्म ने हमे आशा राम दिया बाबा राम रहीम दिया साक्षात् भगवान से बात करने वाले धीरेन्द्र शास्त्री जी को दिया है!”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। हमें आसाराम,राम रहीम और धीरेंद्र शास्‍त्री को लेकर दिया ऐसा कोई भी बयान नहीं मिला।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने आरएसएस की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी कोई पोस्ट वहां भी नहीं मिली।

मोहन भागवत के एक्स अकाउंट पर भी हमें दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली।

असली ग्राफिक के बारे में जानने के लिए हमने दैनिक जागरण के आधिकारिक सोशल मीडिया को खंगालना शुरू किया। हमें असली ग्राफिक दैनिक जागरण के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला। ग्राफिक को 2 दिसंबर 2025 को शेयर किया गया था। असली ग्राफिक पर लिखा है, ‘मोदी बोलते हैं तो दुनिया सुनती है, ये भारत की बढ़ती ताकत।’

कैप्शन के अनुसार, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोलते हैं, तो दुनिया ध्यान से सुनती है, और यह भारत की बढ़ती शक्ति और वैश्विक मंच पर उभरते प्रभाव का प्रमाण है। भारत की शक्ति अब वहां प्रकट हो रही है, जहां उसे होना चाहिए था। आरएसएस के शताब्दी समारोह में भागवत ने कहा कि शताब्दियों का इंतजार करने के बजाय कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को एकजुट करने का लक्ष्य अभी अधूरा है और इस पर आत्ममंथन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इतिहास यह दर्शाता है कि भारत के उभरने से वैश्विक विवादों में कमी आती है और शांति का मार्ग प्रशस्त होता है।”

दोनों के अंतर को नीचे देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए संघ से जुड़े ‘सुरुचि प्रकाशन’ के चैयरमेन राजीव तुली से संपर्क किया। उन्होंने बयान को फेक बताया है। 

अंत में हमने फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर के फेसबुक अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक खास विचारधारा से जुड़ी पोस्ट्स को शेयर करता है। यूजर को 30 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर अगस्त 2012 से फेसबुक पर एक्टिव है।

निष्कर्ष:  विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि मोहन भागवत ने नहीं कहा है कि सनातन धर्म ने हमें राम रहीम, आसाराम और धीरेन्द्र शास्त्री दिए हैं। वायरल बयान फर्जी है।

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