नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कथित पोस्ट का एक स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सीएम योगी ने एक पोस्ट करके, बीएन राव को संविधान निर्माता बताया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल हो रही पोस्ट एडिटेड और फेक है। असली पोस्ट में सीएम योगी ने डॉ. भीमराव आंबेडकर को संविधान निर्माता बताया है। इस फेक और एडिटेड पोस्ट को अब फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल?

इंस्टाग्राम यूजर ‘arun_shukla_gargavanshi’ ने 27 नवंबर 2025 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “क्या आपको भी बीएन राव जी के द्वारा निर्मित संविधान पर गौरव की अनुभूति होती हैं? संविधान निर्माता कौन हैं मित्रो..??”

पोस्ट पर लिखा हुआ है, “भारत वासियों को बी एन राव साहब जी के द्वारा निर्मित संविधान पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने सीएम योगी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें असली पोस्ट 26 नवंबर 2025 को फेसबुक पर पोस्ट की हुई मिली। असली पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है, “भारत वासियों को ‘भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के द्वारा निर्मित संविधान पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।” इसी पोस्ट के कैप्शन को एडिट कर, फर्जी दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट में बदल दिया गया है। 

हमने असली पोस्ट के वीडियो को भी गौर से सुना। हमने पाया कि सीएम योगी वीडियो में कह रहे हैं, “भारत का संविधान 1946 में हुए संविधान सभा के चुनाव के उपरांत गठित एक संविधान सभा ने, भारत के संविधान का निर्माण किया था, जिसकी अध्यक्षता डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी, जो बाद में भारत के राष्ट्रपति बने, उनकी अध्यक्षता में बनी हुई संविधान सभा ने, जो अलग-अलग समितियां बनाई थीं, उसमें ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में इस संविधान को कितने धाराओं में, कितने अनुबंधों में कैसे संयोजित करना है, उस ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की भूमिका, अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका थी। जैसा कि यहां पर बताया भी गया कि दो वर्ष, 11 महीने और 18 दिन, भारत के संविधान के निर्माण में लगे और भारत के संविधान निर्माण में जिन भी स्वाधीनता संग्राम सेनानियों ने अपना योगदान दिया और उस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इसमें अपना सहयोग किया, आज उसी का परिणाम है कि दुनिया के अंदर सबसे बड़ा संविधान, भारत की अनेकता को एकता में जोड़ने वाला संविधान, अगर किसी के पास है, तो हम सब भारतवासियों को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के द्वारा निर्मित इस संविधान पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। बाबा साहब भीमराव अंबेकर, उन्होंने उस समय भी जब इस संविधान की मूल प्रति को लेकर के उनकी समिति संविधान सभा के पास गई थी, उस समय भी उन्होंने इस बात को कहा था कि यह संविधान एक दस्तावेज है, जो भारत की विविधता को एकता में जोड़ने में सदैव एक मार्गदर्शिका के रूप में पूरे देश को नेतृत्व प्रदान करेगी और हम सब भारतवासियों को इस पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि संविधान लागू होने के, यह अमृत महोत्सव वर्ष वर्तमान में चल रहा है और संविधान अंगीकृत किए जाने का अमृत महोत्सव वर्ष का समारोह आज यहां पर आयोजित है और इस अवसर पर हम लोग यहां पर इस आयोजन के साथ जुड़े हैं।”

हमें यह हूबहू पोस्ट सीएम योगी के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर भी मिली। 

दोनों के बीच के अंतर को नीचे देखा जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता अवनीश त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने वायरल पोस्ट को फर्जी बताया है। 

अंत में हमने फेक पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर के इंस्टाग्राम अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 181 लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक खास विचारधारा से जुड़ी पोस्ट्स को शेयर करता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि संविधान निर्माण को लेकर सीएम योगी के नाम से वायरल पोस्ट फेक है। असली पोस्ट में सीएम योगी ने डॉ. भीमराव आंबेडकर को संविधान निर्माता बताया है। फेक और एडिटेड पोस्ट को अब फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

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