नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भारतीय सेना को आरएसएस और हिन्दुओं की सेना बताते हुए सुना जा सकता है।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह एक डीपफेक वीडियो है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की सहायता से एडिट किया गया है। असली वीडियो में अमित शाह ने भारतीय सेना के ‘भगवाकरण’ के बारे में कोई बात नहीं की थी।
क्या है वायरल?
फेसबुक यूजर Annu Malik ने 29 अक्टूबर 2025 को वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर किया। वीडियो में कथित तौर पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सुना जा सकता है “मैं आजकल सोशल मीडिया पर कांग्रेस और AAP के लोगों की बकवास सुन रहा हूँ जिसमें वे बार बार कहते हैं कि भारतीय सेना का “भगवाकरण” किया जा रहा है। और अब हमारी सेना एक पार्टी की सेना बनती जा रही है। मैं ये बात सारी दुनिया के सामने अपनी 56 इंच की छाती तान के कह रहा हूँ कि भारतीय सेना हिंदुत्व की सेना है, ये आरएसएस की सेना है। ये किसी मुसलमान की सेना नहीं, किसी दलित की सेना नहीं, किसी क्रिस्चियन की सेना नहीं। जिस जिस को इस सेना से कोई मसला है तो वो पाकिस्तान दफा हो जाये। हम अपनी सेना को हिन्दू राज्य की सेना मानते हैं।
वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, “गृह मंत्री अमित शाह ने लेफ्टिनेंट जनरल विनय घई को तीखा जवाब दिया है। अमित शाह ने अपने हालिया बयान में भारतीय सेना के “भगवाकरण” की अपनी इच्छा खुलकर जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी भारतीय सेना के राजनीतिकरण से असहमत है, उसे पाकिस्तान वापस भेज दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह मूलतः एक हिंदुत्व सेना है और ऐसी ही रहेगी।”

पड़ताल
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड्स की मदद से ढूंढा। हमें कहीं भी ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे इस बात की पुष्टि होती हो कि अमित शाह ने भारतीय सेना के “भगवाकरण” की बात कही है।
वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें अमित शाह का यह पूरा वीडियो उनके ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर 25 अक्टूबर 2025 को लाइव स्ट्रीम किया गया मिला। वीडियो के साथ दिए गए डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह मुंगेर, बिहार में हुई जनसभा का है। इस पूरे वीडियो को सुनने पर हमें कहीं भी वायरल वीडियो वाली बात नहीं मिली।
वीडियो को करीब से देखने पर लिप मूवमेंट और ऑडियो में मेल तो दिखता है मगर करीब से देखने पर होंठों के आसपास धुंधलापन भी दिखता है, जो एआई छेड़छाड़ का एक संकेत है।
पुष्टि के लिए हमने अपने पार्टनर, डीपफेक्स एनालिसिस यूनिट (DAU) से संपर्क किया, जो ट्रस्टेड इन्फॉर्मेशन अलायन्स (TIA) की एक पहल है। DAU की विशेषज्ञ टीम ने वीडियो का विश्लेषण किया। डिटेक्शन टूल ‘हाइव एआई’ के वीडियो डिटेक्टर ने कई सेगमेंट पाए, जहां वीडियो ट्रैक के साथ AI का उपयोग करके छेड़छाड़ की गई है।

हमने इस वीडियो को बफलो यूनिवर्सिटी के डीपफेक-ओ-मीटर की मदद से भी चेक किया। टूल के कई इंडिकेटर्स ने इस वीडियो में एआई छेड़छाड़ की पुष्टि की।
हमने इस बारे में पुष्टि के लिए एआई और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में काम कर रहे रिसर्चर अजहर माचवे से भी बात की। उन्होंने भी वीडियो में कई जगह चेहरे को AI की मदद से एडिट किए जाने की पुष्टि की।
बताते चलें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना है और मतगणना 14 नवंबर को होनी है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों को लेकर मिसइन्फॉर्मेशन का फ्लो बढ़ गया है। विश्वास न्यूज द्वारा बिहार इलेक्शन के दौरान आ रही मिसइन्फॉर्मेशन के फैक्ट चेक्स को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल दावे में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का जिक्र किया गया है। बताते चलें कि लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का भी एक AI एडिटेड वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें कथित तौर पर भारतीय सेना के “भगवाकरण” की बात कहते सुना जा सकता है। विश्वास न्यूज़ ने उस डीपफेक वीडियो की भी जांच की है, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज द्वारा बिहार इलेक्शन के दौरान आ रही मिसइन्फॉर्मेशन के फैक्ट चेक्स को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर अनु मलिक के 2000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।
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