नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनी है और नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर कई भ्रामक और फर्जी दावे वायरल किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो अब वायरल हो रहा है, जिसमें लोगों की भीड़ और कुछ पुलिस कर्मी नजर आ रहे हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो पटना के गांधी मैदान का है। इसे अब बिहार चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने इस दावे की जांच की तो पाया कि वीडियो का बिहार से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो साल 2025 में राजस्थान के पाली जिले में दिल्ली-मुंबई राजमार्ग पर हुए प्रदर्शन का है। इसे अब बिहार के नाम से गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
इंस्टाग्राम यूजर ‘pk__moluyadav620’ ने 20 नवंबर 2025 को वीडियो को शेयर किया है। वीडियो पर लिखा हुआ है, “गांधी मैदान में गजबे भौकाल बिहार में दंगा शुरु हो गया बिहारी है बाबू कुछ भी हो सकता है BJP क्या चीज है रे।”
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस से सर्च किया। हमें वीडियो से मिलती-जुलती वीडियो ‘viramdev_’ नाम के इंस्टाग्राम यूजर द्वारा शेयर की हुई मिली। वीडियो को 7 नवंबर 2025 को शेयर किया गया है। वीडियो को राजस्थान के पाली जिले के बालराई गांव का बताया गया है। डीएनटी (विमुक्त जनजाति समुदाय) समुदाय ने यह प्रदर्शन किया है।
हमें वीडियो ‘The Khatak’ नाम के फेसबुक पेज पर मिला। वीडियो को 7 नवंबर 2025 को अपलोड किया गया है। कैप्शन के अनुसार, “पाली के बालराई गांव में DNT समाज और पुलिस हुई आमने-सामने, आंसू गैस के गोले छोड़े पत्थरबाजी भी हुई।” इस वीडियो में, वायरल वीडियो के दृश्य को देखा जा सकता है।
वीडियो ‘@Karandewasikhinwara’ नाम के यूट्यूब चैनल पर 7 नवंबर 2025 को अपलोड किया हुआ मिला।
वीडियो को गौर से देखने पर इसमें महा-बहिष्कार आंदोलन 7 नवंबर 2025 का एक पोस्टर नजर आया। हमने इस कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इस आंदोलन के बारे में बताया गया है। अमर उजाला की वेबसाइट पर 7 नवंबर 2025 को प्रकाशित खबर में बताया गया, “पाली जिले के रानी कस्बे के पास स्थित बालराई गांव में शुक्रवार को डीएनटी (घुमंतु, अर्ध-घुमंतु एवं विमुक्त) संघर्ष समिति और राष्ट्रीय पशुपालन संघ का आंदोलन अचानक उग्र हो गया। अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर कई दिनों से चल रहा महापड़ाव शाम को उस समय हिंसक हो गया जब प्रदर्शनकारियों ने ब्यावर–पिंडवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-162) को जाम करने की कोशिश की।मौके पर मौजूद पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ नहीं मानी और पथराव शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा।”
वीडियो कई अन्य जगह पर बालराई नाम से शेयर किया हुआ मिला।
हमने वीडियो को लेकर The Khatak मीडिया चैनल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि,”वीडियो पाली के बालराई गांव में डीएनटी (विमुक्त जनजाति समुदाय) समुदाय का ही वीडियो है। यह आंदोलन हाल ही का है।”
हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड से पटना गांधी मैदान के बारे में सर्च किया। हमें दावे की पुष्टि करती कोई भी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।नीचे दिए गए कोलाज में असली और वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को देख सकते हैं।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाली यूजर एक विचारधारा से प्रभावित पोस्ट्स शेयर करती है।
पहले भी बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर कई दावे सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनकी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।
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