एक 21 वर्षीय युवक ने अपनी झूठी मौत की कहानी गढ़ी। मकसद था उसके नाम पर लिए गए जीवन बीमा का 40 लाख रुपये का क्लेम उसके परिवार को मिल जाए।
परिवार ने पुलिस को युवक की मौत की सूचना दी, लेकिन इसी बीच उसके भाई के पास एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि युवक जिंदा है। इस फोन ने पूरे षड्यंत्र की परतें खोल दीं।
पुलिस ने तफ्तीश में पाया कि युवक जिंदा है और उसने ही बीमा फ्रॉड की यह योजना बनाई थी।
अब युवक पर बीमा धोखाधड़ी (Insurance Fraud)और धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है।
यह घटना साबित करती है कि लालच में किया गया अपराध ज़्यादा समय तक छुपा नहीं रह सकता।
रिपोर्ट पॉइंट्स
1. धोखाधड़ी की स्क्रिप्ट – 21 साल के युवक ने परिवार को फायदा दिलाने के लिए मौत का नाटक किया।
2. फोन कॉल का सुराग – एक रहस्यमय कॉल ने ‘मृतक’ की सांसें बाहर ला दीं।
3. पुलिस की पैनी नज़र – जांच में खुलासा हुआ कि युवक जीवित है और बीमा कंपनी को चूना लगाने की प्लानिंग थी।
4. कानूनी शिकंजा – युवक पर IPC की धोखाधड़ी की धाराओं और बीमा एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।
5. सबक समाज को – यह केस चेतावनी है कि बीमा फ्रॉड जैसी योजनाओं का अंत सिर्फ जेल की सलाखों पर होता है।
